अभ्यास 2
(क)त्वम् तुम, युवाम् तुम दोनों, यूयम् तुम सब,फलम् फल, पुस्तकम् पुस्तक, पुष्पम् फूल, पत्रम् चिट्ठी पत्र, भोजनम् भोजन, जलम् जल, राज्यम् राज्य, सत्यम् सच सत्य, गृहम् घर, वनम् वन जंगल ।
(ख)रक्ष् रक्षा करना, वद् बोलना,पच् पकाना, पत् गिरना, नम् नमस्कार करना ।
(ग) अद्य आज, सम्प्रति इदानीम् अधुना (तीनों का अर्थ है) अब अभी, यदा जब,तदा तब, कदा कब ।
व्याकरण (लट्, मध्यम पुरुष, कारक परिचय)
1 फलम् फले फलानि (प्र.कर्ता कारक)
फलम् फले फलानि (द्वि.कर्म कारक)
संक्षिप्त रुप अम् ए आनि
अम् ए आनि
सूचना --पुस्तक आदि के रुप ऐसे ही चलेंगें ।
2 "भू "(लट् मध्यम पुरुष )
भवसि भवथ: भवथ
संक्षिप्त रुप
असि अथ: अथ
रक्ष् आदि के रूप इसी प्रकार चलेंगें ।
जैसे-रक्षसि रक्षथ: रक्षथ, वदसि वदथ: वदथ ।
नियम 7(अच्हीन परेण संयोज्यम्) -हल् व्यंजन आगे के स्वर से मिल जाता है ।
(यह नियम एच्छिक है) जैसे -त्वम् +अद्य त्वमद्य ।यूयं +इदानीम् यूयमिदानीम् ।त्वम् +एव त्वमेव ।
शब्दकोश -अभ्यास 1का 25+अभ्यास 2 का 25=50 ।
(क)त्वम् तुम, युवाम् तुम दोनों, यूयम् तुम सब,फलम् फल, पुस्तकम् पुस्तक, पुष्पम् फूल, पत्रम् चिट्ठी पत्र, भोजनम् भोजन, जलम् जल, राज्यम् राज्य, सत्यम् सच सत्य, गृहम् घर, वनम् वन जंगल ।
(ख)रक्ष् रक्षा करना, वद् बोलना,पच् पकाना, पत् गिरना, नम् नमस्कार करना ।
(ग) अद्य आज, सम्प्रति इदानीम् अधुना (तीनों का अर्थ है) अब अभी, यदा जब,तदा तब, कदा कब ।
व्याकरण (लट्, मध्यम पुरुष, कारक परिचय)
1 फलम् फले फलानि (प्र.कर्ता कारक)
फलम् फले फलानि (द्वि.कर्म कारक)
संक्षिप्त रुप अम् ए आनि
अम् ए आनि
सूचना --पुस्तक आदि के रुप ऐसे ही चलेंगें ।
2 "भू "(लट् मध्यम पुरुष )
भवसि भवथ: भवथ
संक्षिप्त रुप
असि अथ: अथ
रक्ष् आदि के रूप इसी प्रकार चलेंगें ।
जैसे-रक्षसि रक्षथ: रक्षथ, वदसि वदथ: वदथ ।
नियम 7(अच्हीन परेण संयोज्यम्) -हल् व्यंजन आगे के स्वर से मिल जाता है ।
(यह नियम एच्छिक है) जैसे -त्वम् +अद्य त्वमद्य ।यूयं +इदानीम् यूयमिदानीम् ।त्वम् +एव त्वमेव ।
शब्दकोश -अभ्यास 1का 25+अभ्यास 2 का 25=50 ।
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